ISSN 0976-8645

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I

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20.1.2010

Rashtriya Sanskrit Sansthan, Tirupati

Description: Description: Description: Description: Description: Description: h3.jpgभारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुम्बई के शोधछात्र बिपिन कुमार झा के  निरन्तर अथक प्रयास से अस्तित्वप्राप्त प्रथम आनलाइन शोधपत्रिका (Sanskrit E-Journal) जाह्नवी का लोकार्पण ज्ञानाधिष्टात्री देवी सरस्वती के पूजनोत्सव (२० जनवरी २०१०) के अवसर पर राष्ट्रिय संस्कृत संस्थान, तिरुपति के कुलपति ख्यातिलब्ध प्रो हरेकृष्ण शतपथी महोदय के करकमलों से सम्पन्न हुआइस अवसर पर प्रो. रविशङ्कर मेनन (संकायाध्यक्ष, शिक्षाशास्त्री), प्रो. राधाकान्त ठाकुर (ज्योतिष विभागाध्यक्ष),  श्री प्रदीप झा, श्री राम सेवक झा समेत विद्यापीठ के वरिष्ठ अध्यापक, कर्मचारीगण एवं शोध छात्र उपस्थित थेइस पत्रिका की विशेषता यह है कि यह किसी संस्था से सम्बद्ध नही है एवं संस्कृत के संवर्द्धन हेतु समर्पित है|

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II

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20.04.2010 

BHU, Varanasi

Description: Description: Description: Description: Description: Description: BHU.jpgडॉ0 के0पी0उपाध्याय, कुलसचिव एवं परीक्षानियंता, काशीहिन्दूविश्वविद्यालय ने आज  दिनॉक.20.04.2010 को संस्कृत के प्रथम आन लाइन जर्नल जाह्नवी के द्वितीय अंक (ग्रीष्मांक) का लोकार्पण कियासभा को सम्बोधित करते हुए डॉ0 उपाध्याय ने कहा कि-बदलते हुए समाज की परिस्थितियों के साथ-साथ संस्कृत को भी परिवर्धित एवं परिवर्तित करना आवश्यक है, क्योंकि जिसप्रकार नदी गतिशील होने से जीवित रहती है उसी प्रकार भाषा में भी गतिशीलता होनी चाहिए  मैं मानता हॅू कि जाह्नवी भी इस दिशा में एक प्रयास है।सभा का संचालन करते हुए जर्नल के सम्पादकमण्डल के सदस्य संदीप कुमार सिंह ने इस विषय में विस्तार से बताते हुए कहा कि जाह्नवी संस्कृत भाषा में विश्व की प्रथम आन-लाइन त्रैमासिक जर्नल है, जो संस्कृतानुरागियों के लिए इण्टरनेट के माध्यम से उपयोगी सामग्री उपलब्ध कराता है साथ ही शोधार्थियों को अभिव्यक्ति का एक व्यापक अवसर प्रदान करता हैइसके पूर्व संस्कृत में अनेंक जर्नल छपते रहे है किन्तु इण्टरनेट पर इस तरह का यह पहला प्रयास हैसंस्कृतविद्याधर्मविज्ञानसंकाय के संकायप्रमुख प्रो0 रमेशचन्द्र पण्डा ने बताया कि इस प्रकार के जर्नल की आवश्यकता बहुत पहले से महसूस की जा रही थी, किन्तु मूर्तरूप प्रदान करने में मुख्य भूमिका आस्ट्रेलिया के प्रो0 हिमांशु पोटा, आई0आई0टी0 मुम्बई के विपिन झा (शोधछात्र), का0हि0वि0वि0 के संदीपकुमारसिंह (शोधछात्र) आयुर्वेदसंकाय, व राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ तिरूपति के प्रदीपझा(शोधछात्र), का रहा           इसके संरक्षक मण्डल में मुख्य रूप से प्रो0 राजेन्द्र मिश्र,(पूर्व कुलपति,सं0सं0वि0वि0),    डॉ0 वनमाली विश्वास (रा0सं0सं0), प्रो0 शुकदेव भोई (संकायप्रमुख,ला0ब0सं0वि0)दिल्ली, प्रो0 यू0सी0राव   (पूर्व विभागाध्यक्ष,जे0एन0यू0) आदि प्रमुख हस्तियॉ शामिल हैंइस अवसर पर प्रो0 श्रीनिवास तिवारी, प्रो0सच्चिदानन्द मिश्र, आशिषकुमार आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कियामंगलाचरण डॉ0 अनिलकुमार मिश्र तथा धन्यवाद ज्ञापन नीरज त्रिवेदी ने किया

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III

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13.08.2010

Ujan, Darbhanga

Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC_4284.JPGभारत सरकार के पूर्व शिक्षाविद सदस्य डॉ. सदानन्द झा के मुख्य सम्पादकत्व में IIT मुम्बई के शोधछात्र बिपिन कुमार झा द्वारा प्रकाशित सारस्वत निकेतनम् (Home of Sanskrit lovers) के जाह्नवी संस्कृतजर्नल के तृतीय अंक वर्षांक का लोकार्पण मिथिला पावनधाम में संस्कृत साहित्य के प्रख्यात विद्वान एवं अनेक ग्रन्थों के रचयिता, सरिसबपाही कालेज के पूर्वप्राचार्यDescription: Description: Description: Description: Description: Description: DSC_4293.JPG डॉ. रामजी ठाकुर ने कियाडॉ. ठाकुर ने अन्तर्जाल के माध्यम सेजर्नल को क्लिक कर तृतीयांकवर्षांकको जनसमर्पित कियाइस लोकार्पण कार्यक्रम में क्षेत्र की कई सम्मानित विभुतियाँ उपस्थित थीपूर्व प्राचार्य डॉ. मिहिर ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में  डॉ. हरिशंकर मणि त्रिपाठी, डा० रमेश कुमार झा, डा० महाकान्त ठाकुर थेइसके अतिरिक्त वक्ताओं में डॉ. सदानन्द झा, डा०Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC_4273.JPG अभयधारी सिंह, डा० सुधीर कुमार झा, बिपिन झा,  डॉ. गिरिश झा आदि ने भी पत्रिका के महत्त्व पर विशद रूप से प्रकाश डालासंचालन साहित्य के मर्मज्ञ विद्वान डॉ. राघव झा ने कियासभा के मुख्य अतिथि डॉ. केदार नाथ झा (हर्षपति सिंह महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य) थे

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अटलाण्टा, USA

30.10.2010

Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC05551.JPGभारत सरकार के पूर्व शिक्षाविद सदस्य डॉ. सदानन्द झा के मुख्य सम्पादकत्व एवं प्रो० अभयधारी सिंह तथा श्री त्रिलोक झा प्रभृति के सम्पादकत्व में आईआईटी मुम्बई के शोधछात्र बिपिन कुमार झा द्वारा प्रकाशित सारस्वत निकेतनम् (Home of Sanskrit lovers) के अन्तर्गत जाह्नवी संस्कृतजर्नल के चतुर्थ अंक हेमन्तशरदसंयुक्तांक का लोकार्पण अमरीका  के अटलाण्टा नगर में जाने माने शिक्षाविद प्रो. दीनबन्धु चन्दौरा के ने कियाप्रो. चन्दौरा ने अन्तर्जाल के माध्यम सेजर्नल www.jahnavisanskritejournal.com को क्लिक कर चतुर्थ अंक "हेमन्तशरदसंयुक्तांकको 30 अक्तूबर, भारतीय समयानुसार 6:40 बजे लोकार्पण कियाइस लोकार्पण कार्यक्रम में आचार्य वेदश्रमी सहित कई सम्मानित विभूतियाँ उपस्थित थी  इस मौके पर प्रो. चन्दौरा ने प्रकाशक बिपिन कुमार झा को इस प्रथम  त्रैमासि्क संस्कृतजर्नल के सफलतापूर्वक प्रकाशन हेतु बधाई देते हुए समस्त सद्यों को उनके कार्य हेतु सराहना की है

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New Delhi

08.02.2011

Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC05552.JPGDescription: Description: Description: Description: Description: Description: DSC05553.JPGजाह्नवी संस्कृत ई-जर्नल के पञ्चम अङ्क का लोकार्पण कुलपति महोदय के अस्वस्थता के कारण श्री लालबहादुर राष्ट्रिय संस्कृत विद्यापीठ के कुलसचिव डा. बी.के महापात्र महोदय के द्वारा दिनाङ्कफरवरी २०११ मध्याह्नबजे संगणक कक्ष (विद्यापीठ) मे किया गया  इस अवसर पर मुख्यतिथि के रूप मे प्रो शशिप्रभा जैन उपस्थित थेपत्रिका के महत्त्व पर प्रो भवेन्द्र झा, प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय, प्रो. कमला भारद्वाज आदि विद्वानों ने अपने-अपने विचार प्रकट कियेइस अवसर पर विद्यापीठ के समस्त अध्यापकDescription: Description: Description: Description: Description: Description: DSC05554.JPG एवं कर्मचारीगण उपस्थित थेकार्यक्रम का संचालन डा. सुन्दरनारायण झा एवं  अतिथियों का स्वागत श्री रामसेवक झा  ने कियासमस्त कार्यक्रम श्री  विनोद मिश्र (अनुभाग अधिकारी) के देख रेख में सम्पन्न हुआ

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Allahabad

01.05.2011

Description: Description: Description: Description: Description: Description: M4H00015.MP4_000213112.jpgभारत सरकार के पूर्वशिक्षाविद् सदस्य डा० सदानन्द झा के प्रधान सम्पादकत्व में बिपिन कुमार झा द्वारा प्रकाशित ISSN 0976 – 8645 प्राप्त  प्रथम त्रैमासिक संस्कृत विद्युत-शोधपत्रिका jahnavisanskritejournal.in ) “जाह्नवीके षष्ठ्म अंक का लोकार्पण रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, इलाहावाद के अध्यक्ष स्वामी निखिलात्मानन्दजी महाराज के करकमलों से 1 मई, 2011 (रविवार) को किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वेदपाठ, गीतापाठ एवं प्रार्थना से हुई। इसके अनन्तर बिपिन झा ने पत्रिका के औचित्य एवं वैशिष्ट्य पर संक्षेप में प्रकाश डाला।  विशिष्ट अतिथि डा० बनमाली बिस्वाल  ने युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह पत्रिका संस्कृत के प्रचार प्रसार् हेतु हमें एकजुट करने मे सशक्त भूमिका निभाती है। कार्यक्रम के अन्त में स्वामी धरणीधरानन्दजी ने भगवती जाह्नवी के स्तोत्र की संगीतमय पाठ देवि सुरेश्वरि प्रस्तुत की।। इस अवसर पर आशुतोष, विकास, आकाश आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन धनंजय झा ने किया।

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III

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Madhubani

15.07.2011

आर. के. कालेज मधुबनी के सभागार में  सारस्वत-निकेतनम् के अंगभूत  त्रैमासिक संस्कृत ई जर्नल का लोकार्पण राँटी ड्यौढी के प्रो. श्रुतिधारी सिंह द्वारा 15.7.2011 को किया गया। कालेज के प्रधानाचार्य डा. आर. के मण्डल  के द्वारा सभा की अध्यक्षता की गयी। मुख्यवक्ता के रूप मे पं. सदानन्द झा ने पत्रिका की गुणवत्ता पर प्रकाश डालते हुये संस्कृत भाषा को लोकप्रिय बनाने पर बल दिया। डा. मित्रनाथ झा (मिथिला शोधसंस्थान, दरभंगा) द्वारा बिपिन कुमार झा के प्रयास को अभूतपूर्व मानते हुए संस्कृत साहित्य के विकास में जाह्नवी को आकर्षण का केन्द्र माना। ल.मि.वि.वि. दरभंगा के सीनेट सदस्य प्रो. नरेन्द्र नारायण सिंह निरालाने जाह्नवी त्रैमासिकDescription: Description: Description: Description: Description: Description: 2.jpg पत्रिका निकालने के लिये बिपिन झा को धन्यवाद देते हुये कहा कि इसके प्रकाशन से संस्कृत जिज्ञासुओं Description: Description: Description: Description: Description: Description: 1.jpgको विशेष लाभ मिल रहा है। इन्हों ने पं. झा को भी धन्यवाद दिया। शिक्षक नेता प्रो. चन्द्रमोहन झा ने संचारमाध्यम के इस युग में जाह्नवीको अभूतपूर्व पत्रिका मानते हुये वैज्ञानिक क्षेत्र में भी संस्कृत भाषा की गुणवत्ता को महत्त्वपूर्ण माना। प्राचार्य डा. आर. के.मण्डल अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संस्कृत भाषा को जनभाषा बनाने की कोशिश और ई-जर्नल निकालने की व्यवस्था कर बिपिन झा साधुवाद के पात्र हैं। तिरुपति विद्यापीठ, BHU, USA, LBS नई दिल्ली, रामकृष्ण मिशन इलाहाबाद जैसे लोकार्पण के बाद आर. के. कालेज मधुबनी को ऐसा सौभाग्य प्रदान करना इस संस्थान के लिये गौरव की बात है। प्रो. श्रुतिधारी सिंह ने लोकार्पण करते हुये कहा कि बिपिन कुमार झा को इस पत्रिका हेतु किसी भी प्रकार की आवश्यकता होने पर मेरे द्वारा सहयोग प्रदान किया जाएगा। सभागार मे उपस्थित प्रो. रामेश्वर झा, प्रो. अभयधारी सिंह, डा. अरविन्द कुमार सिंह झा, प्रो. अमिताभ, प्रो. नरेश मोहन झा, प्रो. प्रमोद रंजन झा, प्रो. मुनीश्वर यादव प्रभृति द्वारा ई जर्नल जाह्नवी को दीर्घजीवी होने की शुभकामना दी गयी। उक्त अवसर पर श्री लम्बोदर झा, श्री अजयधारी सिंह, श्री अमरनाथ, श्री आनन्द, श्री पंकज कुमार झा, श्री केशवधारी सिंह आदि उपस्थित थे। सारस्वत निकेतनम् परिवार की ओर से पत्रिका के सम्पादक एवं प्रकाशक बिपिन कुमार झा ने समस्त संस्कृत प्रेमियों, जाह्नवी टीम साथ ही अधोलिखित मीडिया को जाह्नवीपत्रिका  के सप्तम अंक के लोकार्पण एवं जनसामान्य तक पहुँचाने के लिये साधुवाद  दिया है।१.     दैनिक जागरण (१६ जुलाई, मिथिलांचल), २.     प्रभात खबर (१६ जुलाई, मिथिलांचल), ३.      दूरदर्शन DD1. (१६ जुलाई, नई दिल्ली), ४.     आकाशवाणी पटना (१५ जुलाई, प्रादेशिक समाचार), ५.     आज (१७ जुलाई, मिथिलांचल), ६.     नादर्न इण्डिया पत्रिका (१७ जुलाई, इलाहाबाद), ७.     अमर उजाला काम्पेक्ट (१७ जुलाई, इलाहाबाद), ८.     हिन्दुस्तान (१७ जुलाई, इलाहाबाद), ९.     हिन्दुस्तान टाइम्स (१७ जुलाई, इलाहाबाद), १०.युनाइटेड भारत (१७ जुलाई, इलाहाबाद), ११. दैनिक जागरण (१७ जुलाई, इलाहाबाद), १२.मिथिला रेडियो (स्वायत्तशासी साइट, १७ जुलाई दरभंगा)

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Chandigarh

19.11.2011

Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC01901.JPGDescription: Description: Description: Description: Description: Description: DSC01898.JPGपञ्जाब विश्वविद्यालय के संस्कृतविभागाध्यक्ष प्रो. शंकरजी झा द्वारा संस्कृत विभाग में पत्रिका का लोकार्पण किया गयाप्रतिनिधि के रूप में केन्द्रीयविद्यालय में कार्यरत एवं पत्रिका के अभिन्न अंग के रूप में विद्यमान डा. सुमन दीक्षित विद्यमान रहीं

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Kolakata

02.02.2012

कोलकातायां नरेन्द्रपुरस्थस्य रामकृष्ण-मिशन-आवासीय-स्वयंशासित-महाविद्यालयस्य संस्कृतविभागेन फरबरीमासस्य 2-3 दिनाङ्कयोः संस्कृते अनूदितं रवीन्द्रसाहित्यम् इति विषयमधिकृत्य दिनद्वयात्मिका राष्ट्रिया सङ्गोष्ठी आयोजितातदङ्गतया प्रो.सीतानाथ आचार्यस्य आध्यक्षे, प्रो.राधावल्लभत्रिपाठिनां, प्रो.रमाकान्तशुक्लानाम् आतिथ्ये, श्रीराकेशदाशस्य संयोजनायां प्रचलिते कविसमवाये पञ्चदश कवयः स्वकाव्यानि पठितवन्तःअस्मिन् सत्रे जाह्नवी-ई-जर्नलइत्यस्याः आन्तर्जालपत्रिकायाः लोकार्पणं विहितं राष्ट्रियसंस्कृतसंस्थानस्य कुलपतिभिः आचार्यैः राधावल्लभत्रिपाठिभिःपत्रिकां समुपस्थापितवान् डॉ.मुकेशकुमारझा-महोदयःपत्रिकाविषये विवरणं दत्तवान्कथासरितः सहसम्पादकः श्रीराकेशकुमारदाशःकार्यक्रमं संयोजितवान् नारायणदाशःजाह्नव्याः मुख्यसम्पादकाः भारतसर्वकारस्याधीनपूर्वशिक्षाविद्सदस्याः विद्यावाचस्पतिसदानन्दझामहोदयाः सन्तिएतस्याः पत्रिकायाः सम्पादकाः प्रो. पीयूषकान्तदीक्षित-प्रो.रविशङ्करमेनन-श्रीबिपिनकुमारझा सन्तिप्रकाशनान्तर्जालनिर्माणादिकर्ता राष्ट्रियसंस्कृतसंस्थानस्य श्रीसदाशिवपरिसरस्य साहित्यविभागाध्यापकः श्रीबिपिनकुमारझा अस्तिकार्यक्रमे उपस्थिताः आसन्प्रो.सीतानाथ आचार्यः, प्रो.नवनारायणवन्द्योपाध्यायः, डॉ.बनमालिबिश्वालः, डॉ.तन्मयकुमारभट्टाचार्यः, डॉ.सूर्यमणिरथः, अजयकुमारमिश्रः, धर्मेन्द्रकुमारसिंहदेवः, अशोककुमारव्यासः, राकेशदाशः, विश्वनाथस्वाईँ, विवेकानन्दपाणिग्राही, चन्द्रशेखरदासवर्मा, सौमित्र अधिकारी, खोखनभट्टाचार्यः, सम्पापाल, इत्यादयः शतं प्रायाः विद्वांसःनरेन्द्रपुरस्थ-रामकृष्णमिशनस्य अध्यापकानाम्, श्रीसीतारामवैदिकादर्शसंस्कृतमहाविद्यालयस्य अध्यापकानात्र विशेषः सहयोग आसीत् इति ते धन्यवादार्हाः सन्ति एव

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Jaipur

12.05.2012

Description: Description: Description: Description: Description: Description: DSC_0266.JPGProf. Ramanuj Devanathan, VC- JRRSU, Rajasthan

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III

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स्त्रोत्रे षु- सन्ध्या

भगवती सावित्री

Lucknow

10.11.2012

Prof. O P Pandey y[kuÅ 10 uoEcj 2012] dks cksjk bULVhV~;wV vkWQ eSustesUV lkbalst] ifjlj esa “www.jahnvisanskritejournal.com” if=dk dk yksdkiZ.k y[kuÅ fo”ofo|ky; ds iwoZ foHkkxk/;{k Kku f”kjksef.k izksQslj vkseizdk”k ik.Ms; th ds dj deyksa }kjk lEiUu gqvk tkºuoh laLd`r bZ tuZy ,d ,slh lkbV fufeZr dh x;h gS tks laLd`r Hkk’kkuqjkxh gh ugha oju~ fgUnh o vaxzsth Hkk’kk esa Hkh fopkjksa dh vfHkO;fDr dh vis{kk o lEidZ dh LorU=rk dk Lokxr djrh gSA ;g “kks/ki=ksa ds lkFk&lkFk fopkjk fHkO;fDr ,oa laLd`fr laj{k.k gsrq ekU; gSaA orZeku ;qx laxMd ØkfUr dk ;qx gS blds ek/;e ls lHkh fo}kuksa dk laxe fopkjksa dk vknku iznku vc dfBu ugha gS vr% laLd`r o laLd`fr dk laj{k.k gekjk ije drZO; gSA ;g ckrsa dkuiqj ls vk;h MkW0 lqeu nhf{kr us dghA bl lkbV dk fuekZ.k] fMtkbu] izk:Ik iw.kZ :is.k fofiu >k }kjk fd;k x;k tks jk’Vªh; laLd`r laLFkku fgekapy izns”k esa vflLVsUV izksQslj ds in ij dk;Zjr gSaA Mk0 lfjrk JhokLro rFkk vU; fo}kuksa ds lg;ksx ls dk;ZØe dks lkeyre <ax ls lEiUu fd;k x;kA oSfnd e.Mykpj.k ds”ko% vksxs”k% ds }kjk lEiUu fd;k x;k lkSfdd e.Mykpj.k ek/kqjh o fnO;k }kjk izLrqr fd;k x;kA vuqjk/kk o Hkwfedk Lokxr xhre~ rFkk Mk0 lqeu nhf{kr egksn;k }kjk if=dk ds fo’k; eas iw.kZ tkudkjh nh x;h rFkk Mk0 lanhi flag }kjk eap lapkyu fd;k x;kA laLFkku ds izkpk;Z Mk0 Mh0vkj0flag }kjk /kU;okn Kkiu ds lkFk Nk=ksa dks iw.kZr% laLd`r o laLd`fr ds laj{k.k dk nkf;Ro laogu djus dk izksRlkgu ftEesnkjh nh x;hA lHkk esa eq[; :i ls Mk0 fdju flag] Mk0 fLerk JhokLro] Mk0 t;k flag] iadt oekZkSy ik.Ms; izk/;kid mifLFkr jgsA

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उडुपि, कर्णाटक

04.05.2013

देवभूमि में देवभाषा के प्रचार-प्रसार हेतु समर्पित सारस्वत-निकेतनम् के द्वारा प्रचालित संस्कृत के प्रथमजर्नल के चौदहवें अंक का लोकार्पण पुत्तिगे मठ, उडुपि, कर्णाटक के मठाधीश परमपूज्य श्री श्री सुगुणेन्द्रतीर्थस्वामी के द्वारा दिनाङ्कः - ४-५-२०१३ को सायंबजे श्री गोवर्धनगिरि सभाङ्गण,  बेङ्गळूरु. मे विधिवत् वैदिक मन्त्रोच्चारण के साथ संगणक यन्त्र  द्वाराक्लिककर किया गयाइस अन्तर्राष्ट्रिय शोधपत्रिका के मुख्यसम्पादक भारतसरकार के पूर्वशिक्षाविद् सदस्य डा. सदानन्द झा एवं प्रकाशक बलाहर स्थित संस्कृत विद्यापीठ में अध्यापनरत श्री बिपिन कुमार झा हैलोकार्पण के अवसर पर प्रधानसम्पादक एवं प्रकाशक की अपरोक्ष उपस्थिति के साथ विद्यावाचस्पति प्रभञ्जनाचार्य, डा. रविसुब्रमण्यम् (MLA) प्रभृति सैकडो संस्कृतानुरागियों की उपस्थिति रहीइस शोधपत्रिका का मुख्य उद्देश्यपारम्परिकसंस्कृत का अर्वाचीन तकनीकि के साथ मञ्जुल प्रयोग के द्वारा शोधछात्रों के लिये अभिनूतन आयाम उपस्थित करनाहैपत्रिका के चौदहवें अंक को अध्येताओं तक पहुंचाने में परिसर के अध्यापकों, भारत एव विदेशों में विद्यमान प्रतिनिधियों  विशेषरूप से डा. राधाबल्लभ शर्मा, डा. सुमन. के. एस् , डा. सुनील के. एस्, श्री नारायणदत्त मिश्र का विशेष योगदान रहा हैपत्रिका को jahnavisanskritejournal.com पर पढा जा सकता है  इससे पूर्व यह पत्रिका प्रो. हरेकृष्ण शतपथी (VC, RSVV, Tirupati), प्रो. राधावल्लभ त्रिपाठी (VC RSkS), प्रो. रामानुज देवनाथन (VC, JRRSU) प्रभृति मूर्धन्य विद्वानों के द्वारा लोकार्पित की गयी है 

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Bhagalpur

Oct.2013

Shri Indu Shekhar Jha, Rtd. SP, Bhagalpur

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Tripinithura, Kerala

14-1-2014

 

Smt. K P Prasanna, Principal, GSC, Tripinithura, Kerala

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जयपुर

25.5.2014

जाह्नव्या अष्टादशाङ्कस्य लोकार्पणं कविपुङ्गवानाम् आचार्याभिराजराजेन्द्रमिश्रवर्याणां करकमलाभ्यां मईमासस्य 25 तमे दिनाङ्के पाटलनगर्यां जयपुरे सम्पन्नतां गतः। तत्र पत्रिकाया अस्याः प्रातिनिध्यमवहत् डा ललितकिशोरशर्ममहाभागः।

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रामकृष्णमठ,शिमला

06-12-2014

Description: shim.jpgस्वामीनीलकण्ठानन्दजीमहारजद्वारा, अध्यक्षाः, रामकृष्णमठ,शिमला, हिमाचलप्रदेशः ०६-१२-२०१४

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Kangra, HP

27.07.2015

वेदव्यासपरिसरे प्रो.रमाकान्तपाण्डेयमहाभागैः

Description: image005.jpgDescription: image007.jpg

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काञ्चीपुर

05-02-2016

सारस्वतनिकेतनान्तर्गतप्रकाश्यमानायाः जाह्न्व्याः चतुर्विंशतितमं पुष्पं लोकाय अद्य 05-02-2016 तमे दिवसे काञ्चीपुरस्थे श्रीचन्द्रशेखरेन्द्रसरस्वतीविश्वमहाविद्यालये प्रो.डा. रामकृष्ण पिशिपाटि महोदयानां करकमलाभ्यां अर्पितम्अस्यमुख्यसम्पादकाः विद्यावाचस्पति सदानन्दझाः सन्तिकार्यक्रमे तत्रादौ श्रीचन्द्रशेखरेन्द्रसरस्वतीविश्वमहाविद्यालयस्य अध्यापकाः डा. हीरालाल दाश महाभागाः सारस्वतनिकेतनं तथाजाह्न्व्याः लोकलोचनविषये सर्वमपि रहस्यम् उपस्थापितवन्तःतत्र कथं ते जाह्न्वया सह संयोजिताः तथा तत्सेवया नियुक्ता इति विषयमपि उक्तवन्तःसम्पादकाः डा. दाश महाभागाः एतदर्थं डा.विपिन कुमार झा महाभागानां कृते धन्यवादमर्पितवन्तः  एतदर्थं जाह्नव्याः सहसम्पादकः मु.विनोद इति नामधेयः संस्कृतशोधच्छात्रः, श्रीचन्द्रशेखरेन्द्रसरस्वतीविश्वमहाविद्यालयस्थः, बहुधा सहायम् अकरोत्अनन्तरं प्रो.डा.रामकृष्णपिशिपाटि महाभागाः सङ्कायप्रमुखाः जाह्न्व्याः लोकलोचनम् अन्तर्जाले एकादशवादने कृतवन्तःतत्र लोकलोचनसमये केचन छात्राः उपस्थिता आसन्

संस्कृत के लिये समर्पित जाह्नवी संस्कृतशोधपत्रिका के तेइसवें अंक का लोकार्पण आजकाञ्चीपुरम् के  श्रीचन्द्रशेखरेन्द्रसरस्वतीविश्वमहाविद्यालय के संस्कृत डीन प्रो.डा. रामकृष्ण पिशिपाटि महोदय के द्वारा किया गयापत्रिका के सम्पादक एवं प्रकाशक राष्ट्रिय संस्कृतसंस्थान बलाहर( प्रागपुर) के अध्यापक श्री बिपिन कुमार झा ने इस अवसर पर संस्कृत समाज एवं मीडिया को धन्यावादार्ह माना हैज्ञातव्य है कि यह पत्रिका ज्ञानविज्ञान एवं  संस्कृत जगत में होने बाली नवीन सर्जनाओं को प्रमुखता देती हैइससे पूर्व इसका विमोचन शिमला एवं बलाहर में हो चुके हैं

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Kurukshetra, Hariyana

22.08.2016

Description: kurukshetra.jpgसारस्वत्-निकेतनान्तर्गतप्रकाशितायाः जाह्नवी-पत्रिकायाः पञ्चविंश-षड्विंशाङ्कयोः लोकार्पणं हरियाणास्थकुरुक्षेत्रविश्वविद्यालयस्य संस्कृत-प्राच्यविद्यासंस्थानस्य निदेशकेन, संस्कृत-पालि-प्राकृतविभागाध्यक्षेण आचार्यललितकुमारगौडमहाशयेन  संस्कृतसप्ताहे 21 तमे दिनाङ्के रविवासरे कुरुक्षेत्रे अभवत्तत्र अस्माकं प्रतिनिधिरूपे श्रीसुमितकुमारः कार्यसम्पादनं कृतवान्

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जयपुर

31.12.2016

Description: 27th2 pic.jpgजाह्नवी संस्कृतजर्नल के 28वें अङ्क का लोकार्पण शास्त्री कोशलेन्द्र दासजी के प्रतिनिधित्व में श्रीप्रतापसिंहजी (Ex. Minister UDH, Govt. Rajasthan) के (31.12.2016 ) द्वारा सिविल लाइंस जयपुर में किया गयाजाह्नवी संस्कृतजर्नल के 28वें अङ्क का लोकार्पण शास्त्री कोशलेन्द्र दासजी के प्रतिनिधित्व मेंDescription: 27th pic.jpg श्रीप्रतापसिंहजी (Ex. Minister UDH, Govt. Rajasthan) के (31.12.2016 ) द्वारा सिविल लाइंस जयपुर में किया गया

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North Dartmouth, MA

20.05.17

Prof. Bal Ram Singh, Intitute of Advanced Sciences, North Darth Mouth, MA

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कुरुक्षेत्र, हरियाणा

13-11-17

डा. बलदेवसिंह मेहरा महोदयैः

 

Representative Shri Mahesh Dutt

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Madhubani, Bihar

22-02-18

संस्कृत में निबद्ध ज्ञान-विज्ञान को तकनीकि से जोड़ने में ई-जर्नल की महत्ती भूमिका-एडीएम

जाह्नवी  के अभिनव अङ्क का समाहरणालय में हुआ लोकार्पण

सभी भाषाओं की जननी संस्कृत आदिकाल से रही है। वेद,उपनिषदों,पुराणों आदि में वर्णित संस्कृत भाषा में निबद्ध ज्ञान-विज्ञान के बातों को आज आधुनिक तकनीकि से जोड़ने की आवश्यकता है ।  जिससे संस्कृत भाषा को नहीं भी जानने वाले व्यक्ति अन्तर्जाल के माध्यम से अनुवाद कर आसनी से समझ सकता है । ये बाते समाहरणालय में जाह्नवी संस्कृत-ई-जर्नल के अभिनव अङ्क का लोकार्पण करते हुए अपर समाहर्ता दुर्गानन्द झा ने कही । उन्होंने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में अंताराष्ट्रीय मानक प्राप्त संस्कृत के प्रथम ई-जर्नल जाह्नवी  पत्रिका शोध के क्षेत्र में महती भूमिका अदा  करेगी । ई-जर्नल के माध्यम से न केवल देश अपितु विदेशों में भी संस्कृत क्षेत्र में हो रहे कार्यों से लोग लाभान्वित होंगे । संस्कृत भाषा में लिखे गूढ़ त्तत्वों को सरल बनाकर जनमानस में प्रचार प्रसार करने में ई-जर्नल अत्यधिक लाभकारी सिद्ध  होगा । समारोह को सम्बोधित करते हुए वाटसन के प्राचार्य रामकृष्ण मिश्र ने कहा कि ई-जर्नल के 32वें अङ्क तक पहुंचना ही इसकी सफलता स्पष्ट प्रतीत होता है ।

 वैदिक मन्त्रों के जयघोष के द्वारा अपर समाहर्ता दुर्गानन्द झा ने जाह्नवी के 32वें अङ्क का लैपटॉप पर मॉस क्लिक कर लोकार्पण किया ।

 

 ई-जर्नल के सम्पादक सह लोकार्पण संयोजक डॉ.रामसेवक झा ने बताया कि 20 जनवरी 2010 को तिरुपति विद्यापीठ के कुलपति हरेकृष्ण शतपथी के द्वारा प्रथम अङ्क का लोकार्पण किया गया । उसके बाद यह त्रैमासिक पत्रिका देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों,प्रशासनिक संस्थाओं के अलावे विदेश में अटलाण्टा में भी पिछले अङ्कों का विमोचन किया जा चुका है । संस्कृत के प्रथम ई-जर्नल को  यूजीसी के अलावे इम्पेक्ट फेक्टर की भी मान्यता मिल चुकी है । प्रत्येक तीन मास में संस्कृत-हिन्दी-अंग्रेजी भाषों में शोधपत्र देश के विभिन्न कोणे से प्राप्त होते हैं । जिसे मास के अन्त में निर्धारित स्थान पर लोकार्पण किया जाता है । 32 वें अंक में कुल 21 शोधपत्र  प्रकाशित किये गये है ।

ई-जर्नल के प्रधान सम्पादक लगमा के व्याकरण विभागाध्यक्ष विद्यावाचस्पति डॉ.सदानन्द झा ने बताया कि शोधार्थियों छात्रों को शोध में नूतन आयाम प्रदान करने में यह पत्रिका श्रेयस्कर है । प्रकाशक डॉ.बिपिन कुमार झा के निरन्तर प्रयत्न से यह जर्नल नित्य नूतनता को प्राप्त कर रहा है ।

लोकार्पण समारोह में अपर समाहर्ता दुर्गानन्द झा,राजस्व अधिकारी सत्यप्रकाश , आपदा पदाधिकारी अरविन्द कुमार झा, वाटसन के शिक्षक सुधांशु शेखर झा,शिक्षाविद् डॉ.रामसेवक झा सहित कई गणमान्य लोग सम्मलित थे ।

33

II

9

सम्पूर्णानन्द वि. वि वाराणसी, उ.प्र.

Apri, 18

VC, Sampurnand Sanskrit University Varanasi
Representative- Dr. Jagadish Tiwari.

34-35

III

9

सारनाथ, उ.प्र.

01-11-18

जाह्नवी संस्कृत पत्रिका का विमोचन- संस्कृतभाषाकी प्रथम .पत्रिकाके 34वे-35 वें अंकका विमोचन प्रोफेसर देवराज सिंह (पूर्व कुलसचिव) केन्द्रीय तिब्बती संस्थान सारनाथ के कर-कमलों द्वारा किया गया

डॉ सिंह ने पत्रिका को संस्कृत भाषा के विकास में सहायक बताते हुए उत्तरोत्तर सफलता की कामना की उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल युग में यह .पत्रिका संस्कृतवाङ्म में निहित हमारे ज्ञान-विज्ञान को जन-जन तक पहुचाने का सरल और उचित माध्यम हैसाथ ही उन्होने इस पत्रिका के मुख्यसंपादक डा. सदानन्द झा साथ पत्रिका से जुड़े सभी सदस्यों को कोटिशः धन्यवाद के साथ उनके सफल जीवन की कामना भी की

जाह्नवी पत्रिका के विमोचन में मुख्यरूप से प्रो.धर्मदत्त चतुर्वेदी,प्रो.बाबूराम त्रिपाठी,डॉ.अनुराग त्रिपाठी,डॉ. श्रीनाथधर द्विवेदी, डॉ प्रशांतजी,डॉ रविरंजन द्विवेदी, डॉ विवेकानंद जी आदि उपस्थित थेसंचालन लोकार्पण प्रतिनिधि डा. रीतेश कुमार चतुर्वेदी ने किया

 

36-37

I

10

राजाङ्गणम् , श्रीकृष्णमठः , उडुपि

09-03-2019

·         उद्घाटनम्       - परमपूज्याः  यतिकुलचक्रवर्तिनः श्री श्री  विश्वेशतीर्थ महास्वामिनः , पीठाधिपतयः, पेजावर मठः तथा परमपूज्याः   श्री श्री  विद्याधीशतीर्थ  महास्वामिनः ,   पर्याय पीठाधिपतयः,  उडुपि श्रीकृष्णमठः  

 

·         स्थलम् - राजाङ्गणम् , श्रीकृष्णमठः , उडुपि.

 

·         दिनाङ्कः  -  9th March

 

·         समयः  - 17:30

 

·         सन्दर्भः  - श्रीराघवेन्द्रतीर्थमहास्वामिनां वर्धन्त्युत्सवे

 

·         संयोजकः - डा. सुमन् आचार्यः , प्राध्यापकः, लोयोला महाविद्यालयः  तथा  उपसंपादकः , जाह्नवी अन्ताराष्ट्रियसंस्कृतपत्रिका

38

II

10

BLI, New Delhi

14.07.2019

·         उद्घाटनम्       - प्रो. गयाचरणत्रिपाठिमहोदयैः

 

·         स्थलम् – भोगीलाललहरचन्द-इण्डोलोजिसंस्थानम्, नव देहली

 

·         दिनाङ्कः  -  14/07/2019

 

·         संयोजकः – प्रो. अशोकशर्मा, प्रतिनिधि , जाह्नवी अन्ताराष्ट्रियसंस्कृतपत्रिका

39-40

I

11

Midnapore College

-8th Jan, 2020

Inaugration- Dr. Gopal Chandra Bera, Principal, Midnapore College(Autonomous) College with potential and Excellence by UGC, NAAC accredited - A+ (3.6 in 4 point scale)

Place- Midnapore College

Date  -  8th Jan, 2020, 4:00 PM

Representative- Dr. Giridhari Panda

 

41

II

11

Sampurnanand Sanskrit University

26th April, 2020

Inaugration- Prof. Rajaram Shukla, V.C. Sampurnanand Sanskrit University Varanasi, UP.

Place- Online through WebEx Meet due to

Date  -  26th April, 2020 10:30 AM

Representative- All Jahnavi Core Team online mode due to National Lockdown.

42-43

 

 

Chitrakoot

20.9.20

·         Swami Ramabhadracharyaji Maharaj

 

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