ISSN 0976-8645

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Jahnavi Sanskrit E-Journal

 

 

JAHNAVI - A First Electronic Peer-reviewed Quarterly Refereed Sanskrit Triveni (Sanskrit, Hindi & English) Journal.

INDEX

                                        

I

प्रस्फुटम्

 

1

सम्पादकीयम्

सदानन्दझा

2

प्रकाशकीयम्

बिपिनकुमारझा

II.

साहित्यानुरागः

 

1

प्रातिशाख्यग्रन्थाः वैदिकव्याकरणञ्च

जानकीशरणः

2

अङ्गाधिकारस्तत्प्रयोजनविमर्शः 1-2

वरुणकुमारमिश्रः

3

कालिदासीयकृतिषु नारीस्वरूपविवेचनम्

पुरुषोत्तमकुमारः

4

काश्मीर शैवदर्शन में वाक् तत्त्व

मणिशंकर द्विवेदी

5

Sanskrit Distance Education in Modern Context

Arpana Dhir

6

प्रतीहारवंशीय संस्कृत अभिलेखों में प्रकृतिवर्णन

सुषमा

7

ख्यातिवादः

संजीवकुमारसिंहः

8

धात्वर्थविमर्शः

 लीलाबिहारी & सदानन्दझा

9

महावाक्यार्थ निर्धारण में लक्षणा की उपयुक्तता

ममता स्नेही

10

वैदिकमन्त्रोच्चारणे पाणिनीयशिक्षायाः योगदानम्

वासुमोहनः

11

अद्वैतवेदान्त का प्रास्थानिक विकास

त्रिपुरारि कुमार ठाकुर

12

वेदों में राजनीति

अश्विनी कुमार

13

A study of Indian philosophy:As a disseminator of global peace and harmony                                                             

Vandana Upadhyaya

14

साहित्यं समाजस्य दर्पणमिति कथनस्यार्थविचारः

राधावल्लभशर्मा

15

ज्ञानाधारितसमाजनिर्माणे चतुर्दशविद्यानां योगदानम्

अशोककुमारकछवाहः

16

श्रीमद्भगवद्गीतायां शैक्षिकतत्त्वानि

हीरापाण्डेय

17

संस्कृताध्ययन का कीर्तिग्रन्थ- संस्कृतशतकम्

 देवराज

18

संस्काराणां शैक्षिकं मनोवैज्ञानिकञ्च विमर्शः

जगदीशराजशर्मा

19

ज्योतिषशास्त्र के योगों का साहित्यशास्त्र में प्रयोग

सुभाष चन्द्र मिश्र

20

साम्प्रतिके साहित्ये कोषशास्त्रस्य स्थाननिर्धारणम्

बिपिनकुमारझा

21

उपनिषत्कालिकशिक्षायाः स्वरूपं लक्ष्यं च

रामसेवक झा

 

 

 

 

 

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